बुधवार, 14 फ़रवरी 2018

प्यार

प्यार एक एहसाह है 
       जो सोते रोते जगते हसते उसकी याद दिलाता है 
       प्यार एक नज्म है 
       जो हर कविता पे उसकी छाप छोड़ देता है 
       प्यार एक खुसबू है 
      जो उसके बदन तक सिमित नहीं है
      उसके लिए किये हर प्रयास में हमारी भी खुसबू है
      प्यार बिश्वास,फ़िक्र ,ममता ,तारीफों की पुलिया है
     जो हम केवल एक पे निछावर नहीं कर सकते
      बाटना पड़ता है लोगो में
     प्यार है तो आप भी आदियोगी है
     प्यार सीखना भी योग है
     प्यार करना भी योग है
    और शिवा प्यार की मूरत है 
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मंगलवार, 13 फ़रवरी 2018

तू आसमां सा दूर

मेरी सावली सी बात है
      तू आसमां सा दूर हैं
     पर तेरी ओर छोर की दिशा मालूम है
     क्योंकि तेरी आंखो में किताब है
     जिसे पढ़ना बड़ा मजेदार है
     तेरी जुल्फें जो घनेदार
    और कपड़े चटकदार है 
    और साथ में खुशबु तेरी अदाओं की
     सब पता दे जाती है
    तेरी बजुद और  ठिकाने की
    बस , मैं इबादत में हाथ फैला सकता हूँ 
    क्योकि 
   तू मेरी नजरो का खुदा है 
   जो आसमां सा दूर है |

सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

आलंगन

कभी तो तुम आओ यहाँ 
    सांस तो तुम लो यहाँ 
    हवा मचल के आएगी 
   तुम्हारा पता दे जाएगी 
  मैं दौड़ के वहाँ आऊंगा 
  पालकी में ले जाऊंगा 
 हर नजर से तुम छुप जाओगी 
 बस तुम मेरी हो जाओगी 
 हर वसीयते है यहाँ 
 तुम अपना गिला भूल जाओगी 
 तुम्हे प्यार हो जायेगा 
 फिर मेरा मकसद मिल जायेगा 
 आँधियो को मना लूंगा 
 बादलों से दोस्ती 
 फिर बरखा राह न रोकेंगे 
 सितारे झिलमिलायेंगे 
 हवा साथ गाएगी 
 रफ्ता रफ्ता सब नाचेंगे 
 बहुत दुआए बरसेंगी 
 बस तुम मेरी हो जाओगी |

रविवार, 11 फ़रवरी 2018

साजन तुम बोल देना

साजन अब तुम बोल देना 
     तुम कहते हो साथ बहुत है
     पर घडिया अब भी रुकी नहीं
     करुणा वाला सन्देश तुम दे जाना
     मैं दूर तलक यु आउंगी 
    मेरा उन्वान भी तुम और अंत भी तुम
    बस होठो पे सजा लेना
    प्रेम तो तुमको है हमसे ?
    पर मेरा प्रेम जगजाहिर है
    कह दो सबसे तुम मेरे हो
    मेरे हक़ में अब तुम भी बोल देना
    साजन अब तुम बोल देना
    तुम्हारी सादगी पे मैं फ़िदा
    इसको तुम अब छेड़ो ना
    दिलो में हमारे फर्क नहीं
   तो रुस्वाई से भी कोई डर नहीं
   रफ़्तार में भी गर तुम साथ रहो
   तो मृत्यु से भी भय नहीं
   जब रुकना आभुषण लाना
   तब मैं श्रृंगार करू
   अभी तो मुझे तुम साथ रखो
   बस किरणों से काम चला लुंगी
   रुकना तो तुम अनुराग सा राग देना
   मुझे जन-रुस्वाई से बचा देना
   बस अपने नाम से मेरा नाम जोड़ देना
   साजन तुम बोल देना |

शनिवार, 10 फ़रवरी 2018

आना है तो आओ

आना है तो आओ
    काटे भले ज्यादा है लेकिन सुकून की 
    रोना है तो जाओ 
    कारण बहुत से है मुस्कान की 
    मरने जीने के वादे ना करो 
    ये पल ही जिंदगी है
    शिकायते हमको भी है
   लेकिन जिन्दा हु यही बहुत है
   बगावत तो हम करते रहेंगे
   आरोप भी हमपे बहुत लगते रहेंगे
   लेकिन चाहो तो जीवन संगीत बने
   स्वर्ग नरक सब यही सजते रहेंगे
   मिलेंगे तो बारिशे होंगी
   बिछड़ेंगे तो एक झूठा वादा मिलने का
   लेकिन रहेंगे गर्दिश में सितारों की तरह
   देख लेना
   मेरे नाम के साथ तुम्हारा नाम जुड़ते रहेंगे
  अब
 आना है तो आओ |

शुक्रवार, 9 फ़रवरी 2018

मधुशाला

आना आज मधुशाला 
    हर बैर मिटाने आऊंगा 
    कहना है तुमसे कुछ बाते 
    कुछ गलतफहमियां दूर करने आऊंगा 
    साजिशे है बागवतो की 
    तुम्हे बतलाने आऊंगा
    तुम बोली भूल गयी हो
    हमारी बोली मुहब्बत है
    तुम भूल जाओ हिंदुस्तानी भाषा
    ये उक्ति सिखाने आऊंगा ,बस सुक्ति तुम साथ लाना
    ऐब दिखाना हिम्मत नहीं
    माफ़ी देना लेना हिम्मत है
    तुम कलेजा हाथ पे ले आना
    तुम आना आज मधुशाला I

गुरुवार, 8 फ़रवरी 2018

जब उन्होंने हाँ बोला

एक सिहरन सी उठी 
    हर कर्कश आवाज़ मधुर बनी
    मेरे पतले बिस्तर गद्देदार लगे 
    अचानक मै मोटा लगने लगा 
    हर धीमी हवा महसूस हुआ 
    मन की हंसी लगातार हुई
    जब उन्होंने हाँ बोला
    मैंने रब का ही काम किया
   क्या फर्क कब कितना बदनाम हुआ
   हर खुशी देने की आस हुई
   क्या फर्क मै कितना धनवान हुआ
  इतना खूबसूरत सा लगा मै
  क्या फर्क शीशा कितना बदनाम हुआ
  ये रंग,नदिया,समंदर
, ये सुहाना मौसम
 ये हवा में नमी
 ये फूल,ये बागान
 ये नींद,ये शर्मिंदगी
 ये मुकद्दर और ये मोहब्बत
 सब हकीकत लगा
 जब उन्होंने हाँ बोला

बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

दे दो गुलाब

प्यार है तो आहट दो 
     आवाज नहीं ,आहत बरसेगा
     चलो थोड़ी दुरी ही सही
     लेकिन हम पे अणिमा इबादत बरसेगी
     छुपकर सही मिलते तो है 
     कम ही सही कहते तो है
     मिलने के लिए सजते तो है
     दे दो बस एक गुलाब दूर हो जाओ मुझसे
     खामोशिया है तो महकमे सोये है
     जगाओ नहीं
    अगर मजहबी पाव सिरहने लगी तो
    नाम बहुत से आएंगे
    किसी फतवे को रोक नहीं पाओगे
   और साथ में हम मर भी नहीं पाएंगे
   कोई अमर गाथा नहीं होगी
   ढोंगी लब्जो पे गाली लगेंगे
   इसलिए
   दे दो गुलाब और हॅसते हुए दूर हो जाओ मुझसे
   कुछ नहीं तो मेरे प्यार की दुआ बरसेगी I