प्यार एक एहसाह है
जो सोते रोते जगते हसते उसकी याद दिलाता है
प्यार एक नज्म है
जो हर कविता पे उसकी छाप छोड़ देता है
प्यार एक खुसबू है
जो उसके बदन तक सिमित नहीं है
उसके लिए किये हर प्रयास में हमारी भी खुसबू है
प्यार बिश्वास,फ़िक्र ,ममता ,तारीफों की पुलिया है
जो हम केवल एक पे निछावर नहीं कर सकते
बाटना पड़ता है लोगो में
प्यार है तो आप भी आदियोगी है
प्यार सीखना भी योग है
प्यार करना भी योग है
और शिवा प्यार की मूरत है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.