तो एक अपना वाला राग सुनो
हल्के हल्के आंखों से सो जाओ
जब समझ न आए क्या आरंभ है और क्या अंत
तो एक हल्के वाला धुन सुनो
और नींद में खो जाओ
क्योंकि जब कुछ समझ ना आए
तो एक चीज समझ लेना की तुम समझना चाहते हो
तो स्वरूप में तुम्हारी नरमी और परख है जो जरूरी है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.