पैदा हुआ तो पहला लगाव थे आप
मम्मी की गोद के बाद आपका साया प्यारा थाहर छोटी उम्मीद को बड़ा बनाते थे आप
मिठाइयों और नई चीजों का हमारे लिए भण्डार थे आप
गाँव की हर गली में हमारी पहचान थे आप
छोटे पे हमारी इज्जत थे आप
ख्वाईशो के मंदिर थे आप
वो उबाऊ संस्कारी दूकान थे आप
हर गलती पे समझाऊ प्याऊ थे आप
पापा की तीखी नजरो से लड़ने वाले नायक थे आप
रात में कहानियो के भंडार थे आप
नाउम्मीद में नई उम्मीद की किरण थे आप
मंदिर से लाये प्रसाद का हिस्सेदार थे आप
त्योहारों में पेट में कूदते चूहों के पिंजरा थे आप
रास्ते के काटो को कुचलने के लिए हमारे जूता थे आप
हम पढ़ लिख कर आप का नाम रौशन करें इसकी ख्वाइश थे आप
हर रात को हम कहते थे देखो अब बाबा गाएंगे
लाउडस्पीकर पे आप की आवाज पहचान कर अब हम मुस्कराएंगे
हमारे लिए कंधो की सवारी थे आप
हमारी हर नई उम्मीद थे आप
पैसो की दूकान थे आप
अब मैं सोचता हु क्यों नहीं है पहले जैसे आप
फिर पता चला हमारी स्वार्थ भी बढ़ गयी आप के उम्र के साथ
आज हम आप से दूर बैठे हुए है
हर रोज माँ बाप से ही आप का हाल लेते है
होती है जब भी आप से बात
समझ नहीं आता कहा से लाते है बातो में इतनी मिठास
इस अपूर्ण स्वार्थी का हर स्वार्थ पूरा किये है आप
और आज मैं सोच रहा कैसे गुजारु दो पल आपके साथ
इस त्याग और बलिदान को खाली नहीं जाने देंगे हम
आज हम सपथ लेते है आप का नाम रौशन करेंगे हम
कुछ देर सही पर आप का सर हम नहीं झुकने देंगे
दुनिया में आप के नाम का झंडा हम लहरा देंगे
कुछ चुनौतियां है आज संसार में दिखावेपन का उससे जूझेंगे
लेकिन हम पे भरोसा रखे हम भी गरज के दिखा देंगे |
( PHOTO - HOLI 2016 )
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