रविवार, 24 सितंबर 2017

बाबा


 

                                                   


         पैदा हुआ तो पहला लगाव थे आप 
         मम्मी की गोद के बाद आपका साया प्यारा था
         हर छोटी उम्मीद को बड़ा बनाते थे आप
         मिठाइयों और नई चीजों का हमारे लिए भण्डार थे आप
         गाँव की हर गली में हमारी पहचान थे आप
         छोटे पे हमारी इज्जत थे आप
        ख्वाईशो के मंदिर थे आप
        वो उबाऊ संस्कारी दूकान थे आप
        हर गलती पे समझाऊ प्याऊ थे आप
        पापा की तीखी नजरो से लड़ने वाले नायक थे आप
        रात में कहानियो के भंडार थे आप
        नाउम्मीद में नई उम्मीद की किरण थे आप
        मंदिर से लाये प्रसाद का हिस्सेदार थे आप
        त्योहारों में पेट में कूदते चूहों के पिंजरा थे आप
        रास्ते के काटो को कुचलने के लिए हमारे जूता थे आप
        हम पढ़ लिख कर आप का नाम रौशन करें इसकी ख्वाइश थे आप
        हर रात को हम कहते थे देखो अब बाबा गाएंगे
        लाउडस्पीकर पे आप की आवाज पहचान कर अब हम मुस्कराएंगे
        हमारे लिए कंधो की सवारी थे आप
        हमारी हर नई उम्मीद थे आप
        पैसो की दूकान थे आप

        अब मैं सोचता हु क्यों नहीं है पहले जैसे आप
        फिर पता चला हमारी स्वार्थ भी बढ़ गयी आप के उम्र के साथ
        आज हम आप से दूर बैठे हुए है
        हर रोज माँ बाप से ही आप का हाल लेते है
        होती है जब भी आप से बात
        समझ नहीं आता कहा से लाते है बातो में इतनी मिठास
        इस अपूर्ण स्वार्थी का हर स्वार्थ पूरा किये है आप
       और आज मैं सोच रहा कैसे गुजारु दो पल आपके साथ
       इस त्याग और बलिदान को खाली नहीं जाने देंगे हम
      आज हम सपथ लेते है आप का नाम रौशन करेंगे हम
      कुछ देर सही पर आप का सर हम नहीं झुकने देंगे
      दुनिया में आप के नाम का झंडा हम लहरा देंगे
      कुछ चुनौतियां है आज संसार में दिखावेपन का उससे जूझेंगे
      लेकिन हम पे भरोसा रखे हम भी गरज के दिखा देंगे |



                                      ( PHOTO  -  HOLI 2016  )

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