सोमवार, 4 सितंबर 2017

एक सच्ची कहानी

                                                       
                       बताया जाता है कि यह मैरी की फांसी की तस्वीर है हम नहीं जानते कि यह तस्वीर असली है या नकली, लेकिन इसके पीछे की कहानी आप जरूर जानना चाहेंगे. ब्रिटिश वेबसाइट 'डेली मेल' ने यह कहानी छापी है. 1916 की बात है. चार्ली स्पार्क नाम का एक शख्स सर्कस चलाता था. मैरी नाम की एक हथिनी इस सर्कस का हिस्सा थी. सितंबर 1916 में, यह सर्कस किंग्सपोर्ट नाम के एक छोटे शहर पहुंचा. प्रचार के लिए शहर की मुख्य सड़क से सर्कस की परेड निकली. इस दौरान मैरी की सवारी कर रहा था 38 साल का वॉल्टर एल्ड्रिज. उसे हाथियों को काबू करने का कोई खास अनुभव नहीं था. उसे बस यह कहा गया था किहथिनी के शरीर से भालेनुमा छड़ी को लगाए रखना है, इससे वह काबू में रहेगी. परेड के दौरान मैरी को तरबूज का एक टुकड़ा पड़ा हुआ दिखा, जिसे खाने के लिए वह रुक गई. अधीर एल्ड्रिज ने उसे एक से ज्यादा बार छड़ी चुभा दी. हाथी अपने गुस्से के लिए जाने जाते हैं. एल्ड्रिज की हरकत मैरी को पसंद नहीं आई . उसने उसे सूंड से उठाकर नीचे पटक दिया और उसका सिर कुचल दिया. एल्ड्रिज की मौत हो गई. यह वह समय था जब लोकतंत्र मजबूत नहीं था और भीड़तंत्र ही फैसले लिया करता था. गुस्साई भीड़ ने मैरी को मार डालने की मांग की. सर्कस के मुखिया चार्ली स्पार्क ने बिना विरोध किए यह मांग मान ली. लेकिन उन्होंने तय किया कि वह मैरी के अंत को लोगों के लिए दर्शनीय बनाएंगे. मैरी को मौत कैसे दी जाए इस पर चर्चा हुई और स्पार्क ने तय किया कि उसे फांसी दी जाएगी. दूसरे शहर एरविन से 100 टन की क्रेन मंगवाई गई. इसका इस्तेमाल आम दिनों में रेलवे कैरेज उठाने के लिए होता था. स्पार्क ने मैरी की फांसी का इंतजाम खुले में करवाया ताकि लोग देखने आ सकें. मैरी को एक रेल से बांधा गया. उसकी मोटी गर्दन के इर्द-गिर्द चेन बांधी गई. जैसे ही क्रेन ने उसे उठाया, आसमान एक तीखी और क्रूर आवाज से भर गया. वह दर्द में थी. उसने एक भयानक चिंहाड़ मारी. उसे पांच फीट ही उठाया जा सका था कि चेन टूट गई थी. ऊंचाई से गिरने से उसके कूल्हे की हड्डियां चटक गईं. मैरी के पांव अब भी उस जंजीर से बंधे थे, जो रेल से जु़ड़ी थी. लेकिन यह दर्दनाक तमाशा अभी खत्म नहीं हुआ था. एक मजबूत चेन मंगवाई गई और मैरी की गर्दन पर बेरहमी से बांध दी गई. उसे फिर उठाया गया और आधे घंटे तक लटकाकर रखा गया. तब तक, जब तक उसकी मौत में कोई शक-सुबहा न रह जाए. मैरी नहीं रही. मैरी, जिसे वहां के लोग 'मर्डरस मैरी' यानी हत्यारिन मैरी नाम से जानते थे. बताया जाता है कि आज भी एरविन शहर मैरी की फांसी की वजह से जाना जाता है. मैरी की तलाश में एक बार एक बड़ी कब्र भी खोदी गई थी, पर उसका कोई सुराग न मिला.



                                                   ( Source - During Random net Surfing )
                                                       (अच्छा लगा तो यहाँ जोड़ लिया )

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