जो भी जिए है उसका आज में क्या है
किसी की लहू, किसी का नमक और किसी का शरीर
मेरे अंदर है
मेरे कल में इनका वजूद क्या है
जो कल में मैंने अपना खोया वो यादों में है
पर मेरी यादें अकेले में क्यों है
मेरी यादें रातों में ही क्यों है
मेरी यादें मेरी लिखावट में ही क्यों है
कल में मुझे किसी के साथ हंसना है
कल में मुझे किसी के साथ चलना है
कल में मुझे किसी का नौकर बनना है
किसी के मोह और किसी के लिए ममता लाना है
मैं कल में अकेले नही हूं पर फिर मेरी यादें मेरी लिखावट कल में अकेले क्यों है
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