मंगलवार, 3 मई 2022

अपराध और पश्चताप

रोना कोई पश्चताप नही
रोना कभी जवाब नही
रोना कोई समाधान नहीं
रोना एक आभूषण है जीवन का
रोना एक दवा है शरीर का
जो हमे राहत और बेकसूर बनाने की साजिश करता है
अपराध का पश्चताप, भावना का प्रकट होना नही
अपराध किसी माफ़ी के पीछे नही छुपता
तो आंसू सिर्फ एक भावना आभूषण है
अपने दर्द में रोना आता है पर सिर्फ यही एक बेबसी है
सिर्फ आंसू एक नाकाबिल पहचान है
दूसरो के दर्द में रोना एक अनुराग है
पर सिर्फ यहीं ?.....एक पाखंड है
कोई दूसरा किसी तीसरे के रोने का वजह हैं
तो कही कोई तीसरा के साथ एक अपराध हुआ है
पहला और दूसरा दोनो रो सकते है
दोनों झुक सकते है
पर यहां इनकी मिठास और माफ़ी अपराध कम नहीं करती
अपराध हमारे अनुशासन की ही कमी है
इसलिए अपराध सिर्फ अपराध है
अपराध और भावनात्मक पश्चताप का कोई मेल नहीं ।
 

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