एक सवाल "तुम " !!
मूढ़ता शब्द की अपने ही मायने है ,हमारी नजर में कभी दुनिया इसकी शिकार हो जाती है तो कभी हम खुद की नजर में |वैसे आपलोगो की सन्तुस्टि के लिए मैं भी बोल दे दे रहा हूँ की " कभी दुनिया की नज़र में हम " वैसे सच में इसका मुझ पे कोई फर्क नहीं पड़ता | लेकिन जैसे ही ये शब्द मैंने बोला एक सवाल तो उठनी ही थी "तुम " ? | वैसे ज्यादा दिमाग पर जोर देने की जरुरत नहीं है की ये "तुम" कौन है |आप सब अपने आप को मान कर मत चलना क्योकि अब मैं बताने जा रहा हु एक सवाल का जवाब "तुम" ?
बात हमारी 4 साल पहले स्टार्ट हुई थी लगा था ""मिले हो "तुम " हमको बड़े नसीबो से '" ,खैर कितना भी समझदार हो जाओ दिल से समझदार नहीं हो सकते | ( हा मैं मान रहा हु की ये मैंने क्या लिख दिया मुझे भी असल में नहीं समझ में आ रहा ) | आज भी यही लगता है की मिले हो "तुम " हमको बड़े नसीबो से | तो हम मिले थे उसने मुझे अपना एक दोस्त बनाया मैंने उसे बेस्ट फ्रेंड क्योकि बचपन के एकदोस्त के बाद कोई एक दोस्त मिला था जो मेरे दिल में जगह बना लिया था |
लेकिन मुझे क्या पता था की वो एक दिल्लगी मुझे ये सब लिखने को मजबूर कर देगी |फिर हमने अपनी दोस्ती एक पनपती सोशल मीडिया से स्टार्ट किया और ऐसा स्टार्ट किया की जब भी उस दोस्त का नाम जुबान पे आता चेहरे पे सबसे अच्छी वाली स्माइल आती |वैसे वो स्माइल अब भी आती है लेकिन दिमाग उसमे बीच में अड़ंगा लगा देता है | सच में ऐसे मामलो में हमारा सर कट के गिर जाना चाहिए और थोड़ी देर बाद अपने आप जुड़ जाना चाहिए | फिर वो मेरा बेस्ट फ्रेंड नहीं रहा वो अब मेरी आत्मा का एक पार्ट बन चूका था | जैसा बहुत सुना था लेकिन कभी सोचा नहीं था की मेरा बेस्ट फ्रेंड मेरी आत्मा का ही एक नमूना बनेगा | खैर आगे की बातो पे आता हु जैसा आप लोगो ने memes में पढ़ा होगा या फील किया होगा की तुम्हारे बेस्ट फ्रेंड को अपना बेस्ट फ्रेंड बोलता है तो जलन होती है उस समय ऐसा लगता है की कोई उसके मुँह पे ताला क्यों नहीं मार दिया जब ये वो बोल रहा था | लेकिन यहाँ तो जलन बहुत ज्यादा थी कोई मेरे बेस्टफ्रेंड को अपना फ्रेंड भी बोल देता था तो धुआँ निकलने लगता था | खैर अब वो बात नहीं है अब तो उससे कोई कितना भी अच्छा दोस्त बोले अच्छा लगता है की मेरा दोस्त बहुत ही अट्रैक्टिव है और लोग उसको पसंद करते है |
जी अब मैं पॉइंट पे आता हु दोस्ती में मे यहाँ तक तो आ गया था लेकिन अभी और आगे गया हु वो है "जूनून" | जी हा यहाँ जूनून का मतलब है की कभी भी मूड ख़राब हो अपने दोस्त को अच्छे से रेस्टुरेंट या फिर खाने वाली जगह ले जाओ और उसके contibution करा के कुछ खा के आओ और chill करो |
वैसे ये तो हो गई बहुत बड़ी बात क्योकि लोगो के लिए ये मौका या तो रोज ही आते है या फिर ocationally आते है लेकिन मूड के हिसाब से किसी को नहीं आते है |
कभी कभी कुछ गलत फमी मुझसे भी और उससे भी होती थी लेकिन खास बात ये थी की वो कभी मेरे पास अपनी गलतफमी दूर करने नहीं आती थी और जब तक की 2 -4 हफ्तों तक उसी गलतफमी पे हजारो बार ताने नहीं मार देती थी उसकी गलतफमी दूर नहीं होती थी (अब मुझे आज तक नहीं समझ आया की अंत में अगर गलती भी उसी की होती थी तो माफ़ी मुझे क्यों मांगनी पड़ती थी,कारण सायद सिंपल था की वो गुस्सा या दुखी होती थी .माना चलो ठीक है जब मेरी बारी आती थी की मैं कुछ सही या गलत फमी अपने मन में बैठा लिया हु तो मैं शाम होने तक ही उसके पास जाता था |
फिर लगा की यार ये कैसे हो सकता है सोचा चलो उसी से पूछते है , मै पूछने गया ही था की लगभग २ घण्टे तक "तुम" को तुम-तुम कह के रोया | जी हा मैं तो गर्व से कहता हु ऐसी है मेरी दिललगी | फिर क्या था जैसा हमेसा होता है हुआ हम लोगो के बीच सुलह |
जी ये लिखने का मतलब ये था की देशभक्ति ये भी तो है की अपने देश के एक जवान नहीं लेकिन "नौजवान " के लिए सब कुछ समर्पित है | वैसे सब कुछ समर्पित तो नहीं कर सकता क्योकि इतनी ज्यादा देशभक्ति दिखाऊंगा तो दुनिया वाले बुरा ही नहीं मानेंगे मुझे बुरा कर देंगे सो अभी तक तो ब्लॉग पर ही समर्पित हु लेकिन अगर किसी दिन अपने पे आ गया न तो फिर देशभक्ति की सिमा LOC ही क्यों न हो मैं उसे भी तोड़ने में नहीं डरूंगा |
जी हा सोचो जरा कितनी बुरी है ये देशभक्ति और कितनी अच्छी | मेरे लिए तो अच्छी है और आपके लिए ? ,कमेंट करना न भूलियेगा |
जय "तुम " !
नोट-यहाँ पे बेस्टफ्रेंड एक खूबसूरत सी १८ साल की लड़की का मन में चित्रड करके पढोगे तो ज्यादा मज़ा आएगा जैसे मेरे को आया लिखते समय | और हा मैंने पुरे बकवास में प्यार नाम की कोई शब्द का इस्तेमाल नहीं किया हु ...क्योकि इस शब्द को मैं समझना ही नहीं चाहता (व्यंग्य ) |
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