बुधवार, 28 जून 2017

एक सवाल 'मिडिया'

एक सवाल 'मिडिया'

हा मै बात कर रहा हु आज की मीडिया की | मिडिया ही क्यों सोशल मीडिया भी ,अब इससे मेरा मतलब फेसबुक ,ट्विटर ,यूट्यूब और वगैरह वगैरह|
मै बात कर रहा हु आज के समय 2017  की जिसमे हम रोज की न्यूज़ के लिए अपने मीडिया न्यूज़ चँनलो पे dependent  है और हो भी क्यों न क्योकि इसके अलावा कोई चारा नहीं है | तो अब यहाँ मीडिया की भी कुछ responsibility  बनती है ,लेकिन क्या मीडिया अपना काम responsibly  दिखा रही है या फिर publically दिखा रही है ,वैसे publically कहना सही नहीं होगा इससे publicitily कहना सही होगा| और हा मै कुछ गलत नहीं कह रहा हु ,ऐसा क्यों गलत नहीं कह रहा हु....मैं आपको बताता हु |
youtube  पे हम ट्रेंडिंग देखते है -" 5  rs का सिक्का तकिये के निचे रखो फिर जादू देखो","ढिंचक पूजा "(और फिर उसी ढिंचक पूजा को कमेंट में गालिया देना ),"देहाती सेक्स कॉमेडी ",बला बला ...
फ्री का jio  सिम लेके हम ये सब  idiotic  काम करते है और मीडिया के साथ साथ बड़े बड़े पॉलिटिशियन कह रहे है की हम 'digital ' हो रहे है वाह !


हम मीडिया चैनेलो पे ढिंचक पूजा का इंटरव्यू लेते है अपनी पब्लिसिटी के लिए और कहते है "हम है इंडिया का सबसे फ़ास्ट और सही न्यूज़ चैनल " | वैसे आप लोगो का मैं doubt भी क्लियर कर दू की ऐसा इंटरव्यू लेने वाला न्यूज़ चैनल है "india tv " | मैं ये नहीं कह रहा हु की इंडिया टीवी बेकार न्यूज़ चैनल है लेकिन चैनल अपनी मर्यादा न भूले | फ़िलहाल ऐसे बहुत न्यूज़ चैनल है लेकिन मैं ये सब उनका नाम उजागर करने की दृस्टि से नहीं लिखा हु क्योकि मै कोई अरनब तो हु नहीं की यहाँ scam  जैसे चीजों को उजागर करू |
फ़िलहाल बस मैं ये कहना चाहता हु की मीडिया एक journalism  की पहचान है और आप मीडिया लोग उनसे उनकी पहचान न छीने |


बाकि सब की बात करू तो मैं एक कहावत सुना हु की "मीडिया को हमेसा सरकार के विरोध में होना चाहिए ताकि सरकार अपना काम और अच्छे से करे " | मई ये नहीं कह रहा हु की सरकार के अच्छे कामो को मीडिया appreciate न करे लेकिन हमेसा उनके favour  में भी न खड़े रहे |"चाहे कुछ भी हो जाये मुझे तो  सरकार का हर काम अच्छा ही लगता है,क्योकि हम तो कुछ सोचना ही नहीं चाहते बस एक ही पार्टी की रट लगा बैठे है" |
अब बात मैं करता हु मीडिया की असली पहचान -- जी आप लोगो को अपने न्यूज़ चैनेलो पे अनुष्का और विराट की कहानी दिखने से ज्यादा फोकस इस देश की basic और असली मुद्दा भुकमरी ,बेरोजगारी,बी.टेक स्टूडेंटों की दुर्दशा पे रिसर्च करके दिखाना चाहिए |लेकिन आप लोग इसपे focus  करते ही नहीं, जी ऐसा नहीं है की लोग ऐसे चीजों में interest नहीं लेते ,अगर इंटरेस्ट नहीं लेते तो  AIB  जैसे यूट्यूब चैनल  के व्यंग्य वीडियो यूट्यूब पे इतने view नहीं मिलते | 
जी बस वही पुरानी बात कहूंगा जो आप मीडिया पर भी लागु हो सकता है "सोच बदलिए देश बदलेगा " |
जी ये मत सोचियेगा की ये बोल के  मैं किसी को प्रमोट कर रहा हु वैसे अगर कोई अच्छी बात कहे चाहे आपके opposition  वाले ही क्यों न हो appreciate करने की ताकत रखे |
जय हिन्द !

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