My Diary Entry
बुधवार, 20 अगस्त 2025
तुझमें रब दिखता है
तुमसे मिला मैं,
अभी अभी
प्रेम सीखा,
अभी अभी
खुद को जाना,
अभी अभी
फिर समझा,
नादानी अपनी,
अपनी बेवकूफी,
अभी अभी
तो अब डर लगा,
अभी अभी
फिर रब को ढूंढा,
अभी अभी
तुम मेरा रब,
मेरी इबादत तुमसे ही,
ईश्वर पाया,
अभी अभी
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