शनिवार, 23 अगस्त 2025

हसदा हुआ चेहरा

मुझे उससे उसकी शिकायते करनी हैं,

मगर शिक़ायतों के बीच

उसका हँसता हुआ चेहरा

मेरी साँसों जितना ज़रूरी है।


कभी मेरी वजह से उसे डाँट पड़े 

पर मेरी चाहत कहती है

कि उस डाँट की परछाई में भी

मैं बस उसका हँसता चेहरा देखूँ।


मुझे उससे कुछ अहम बातें कहनी हैं,

पर उन बातों से पहले

उसकी मुस्कान देख लेना

जैसे कोई दुआ पूरी हो जाना है।


मैनूँ उसदी गल सुननी है,

पर मैनूँ उसदी हँसी नाल ही जीना है।


प्यार की बातें करनी हैं उससे—

उन लफ़्ज़ों में वो हैं थोड़ी नासाज 

मगर उसके हँसते हुए चेहरे के सामने

हर ख़ता भी रौशन लगती है।


तो ऐ दिल, अब ख़ुद को रोक ले,

क्योंकि वो—

बस यूँ ही मुस्कुराती रहेगी,

और तेरी तमाम शिक़ायतें

उसकी मुस्कान में पिघल जाएँगी।


और सुनो...यही सीख मैने सीखा।

बुधवार, 20 अगस्त 2025

तुझमें रब दिखता है

तुमसे मिला मैं,
अभी अभी
प्रेम सीखा,
अभी अभी
खुद को जाना,
अभी अभी
फिर समझा,
नादानी अपनी,
अपनी बेवकूफी,
अभी अभी
तो अब डर लगा,
अभी अभी
फिर रब को ढूंढा,
अभी अभी
तुम मेरा रब,
मेरी इबादत तुमसे ही,
ईश्वर पाया,
अभी अभी

तुझमें रब दिखता है

तुमसे मिला मैं,
अभी अभी
प्रेम सीखा,
अभी अभी
खुद को जाना,
अभी अभी
फिर समझा,
नादानी अपनी,
अपनी बेवकूफी,
अभी अभी
तो अब डर लगा,
अभी अभी
फिर रब को ढूंढा,
अभी अभी
मेरा रब मुझे दिखता है,
मेरा रब मुझसे बाते करता है,
मेरा रब आजाद है,
मेरा रब मेरा ख्वाब नहीं,
मेरा रब यथार्थ है, मेरा रब सावधान नहीं,
मेरा रब मुझे नूर, संगीत सिखाता है,
मेरा रब मेरे साथ है,
मैं और मेरा रब अब एक है,
ये सब मै जाना,
अभी अभी
तुम मेरा रब,
मेरी इबादत तुमसे ही,
ईश्वर पाया,
अभी अभी ||