क्या अच्छा क्या बुरा
सब समय की माया है
किसी समय में लड़का लड़की साथ दिखे तो झटका था
आज समय में इन दोनो का मिलन एक सवेरा है
कभी बारिश की बूंदों ने मेरे खेत डुबोया था
आज वही बूंदों ने मेरे खेत लहलहाए है
कभी मनुज जाति शक्ति से स्थिर तंत्र बुने थे
आज वही जाति व्यस्था अस्थिर का पर्याय है
कभी लिंग और लैंगिकता दोनो एक होना अनिवार्य था
आज पुरूष एक पुरूष से काम भावना जाहिर कर सकता है
कभी लोहे के छर्रो ने हमें खतरो से बचाया था
आज वही छर्रे लोगों के लिए खतरा है
कभी गर्भपात एक हत्या का प्रकार था
आज यही दुर्वहन समय सीमा में सुचर्चित है
सब समय के समक्ष हैं
सही गलत और अच्छा बुरा
सब समय की माया है