शुक्रवार, 28 जनवरी 2022

समय की माया

क्या सही क्या गलत
क्या अच्छा क्या बुरा
सब समय की माया है
किसी समय में लड़का लड़की साथ दिखे तो झटका था
आज समय में इन दोनो का मिलन एक सवेरा है
कभी बारिश की बूंदों ने मेरे खेत डुबोया था
आज वही बूंदों ने मेरे खेत लहलहाए है
कभी मनुज जाति शक्ति से स्थिर तंत्र बुने थे
आज वही जाति व्यस्था अस्थिर का पर्याय है
कभी लिंग और लैंगिकता दोनो एक होना अनिवार्य था
आज पुरूष एक पुरूष से काम भावना जाहिर कर सकता है
कभी लोहे के छर्रो ने हमें खतरो से बचाया था
आज वही छर्रे लोगों के लिए खतरा है
कभी गर्भपात एक हत्या का प्रकार था
आज यही दुर्वहन समय सीमा में सुचर्चित है
सब समय के समक्ष हैं
सही गलत और अच्छा बुरा
सब समय की माया है




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.