शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

सरकार हमके पहचान नईखे पावत

हमरी किसान खाता में पैसा नाही आवे
बैंक वाला बोले 50 हजार दो
5 हजार रुपया कर्ज लिए रही
उप्पर से किसान बिल आ गइल
गयनी हम सरकार से मिले
ऊ बोले तू किसान नाही 

हमरी बेटा फौज में
गइल ट्रेन में थोड़ा छूट वाला टिकट करावे
साहेब बोले तू सैनिक नाही

हमरी छोटका के 5 साल से पेपर रुकल बा
उहनी के गइला धरना देवे
पुलिस डंडा बरसा दीही
बोले गुंडा लोग है, विद्यार्थी नाही

हमरी लड़किया पगली एगो मिया से प्रेम में पड़ गइल
हम त माथा पकड़ लिहनी
लेकिन हम्हू त चंदनिया से प्रेम कइले रहली
त 9—10 महीना बाद मान गईनी
अरे हम्हु जानत रहनी की लड़का बहुत संस्कारी हवे
जैसे तैसे हम कहनी ठीक बा
पर अगला दिने 6—7 जन लोग आइल
ओमे प्रमोद भी रहले(अरे उहे जन जे अपना लुगाई के डंडा से मार के मुआ डिहले, लुगाइया के बाप दहेज में भारी सोने के सिकड़ी न दिहले रहल)
बोले शादी करब त जान से मार देब
ई लभ जिहाद ह, प्रेम नाही

गईनी हम वृद्ध पेंशन लेब
साहेब बहुत घूर के देखनी
कहनी 5 साल पहिले तू मर गइले, जिंदा नाही

अब हमरो रोटी के दिक्कत में
सब्र टूट गइल
छोटका के माई (चंदनिया) से कहनी हम त मर गइनी
तू विधवा, विधवा पेंशन ले ले
भूखा पेट ओकरा के जैसे तैसे मनैनी
गइनी दफ्तर में
ओजुगो सहेबबा छोटका के माई के घुरलस
हमार त खुने खौल गइल
पर ऊ जब बोल लस ....
तोहरा पति बिशनाथ जिंदा बाड़े
चंदनिया शर्म के मारे भाग गइल
अरे हमर नाव त मंगरू हवे
त ई बिशनाथ कौन हावे ?
साहेब कहले तू विधवा नाही

एक दिन मुख्यमंत्री जी हमरा गावे आइले
बड़का घर के लोग से मिले, साहेब के खास हावो लो
खुबे माइक ले के सुंदर सुंदर मैडम लो भी रहली लो
हमु ओहि भिंड में एगो कोना में बैठे रहनी
साहेब जब जाए लगलन त हम हाथ बढ़ा दिहनी
सर पे साथ रख कर साहेब कहलन की सब ठीक न ?
हम कह दिहनी न साहेब, तनी हमरा घरी बिजली आ जैत
बस अहि पे बवाल हो गइल**
एगो माइक वाला मैडम हमसे पूछे किस पार्टी से हो
त एगो पूछे कौन देश से हो, पासपोर्ट कहा बाटे
त ले एगो खूबे उंगली दिखावत ओरी खूबसूरत चेहरा से चिल्लावत मैडम कहता बाड़ी
मुख्यमंत्री जी कहलेे की
हम देशद्रोही हई, देशभक्त नाही

सरकार हमके पहचान नईखे पावत ||

Rythem and grammar mistakes expected.
Work is pending on this craft.
Pure hindi and english version can be expected.
Time nhi milta ⌛