शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

Queer - No More





राते अपनी थी
अब दिन भी अपना होगा                                                 
खामोशियाँ थी
अब शब्द भी अपने होंगे
शराब था अब जिफाफ़ भी अपना होगा
शर्म थी अब शरारत भी अपना होगा
अब तक हम अधूरे थे, अब मुकम्मल हो चुके है
आओ साहेब-ऐ -आलम
अब ये जहां भी अपना होगा |




#377_verdict ( 6th-sept-2018 )
#Supreme_court













                                                    ( Pic Credit- Wikipedia with edited by me )